शिक्षकों की कमी को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश: हाईवे जाम की चेतावनी के बाद हरकत में आया शिक्षा विभाग, दो शिक्षकों की नियुक्ति का मिला आश्वासन
जालौर-जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग गुरुवार को तब तनावपूर्ण माहौल में आ गया जब भाद्राजून उपखण्ड क्षेत्र के मालगढ़ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी को लेकर ग्रामीणों और छात्राओं ने हाईवे जाम करने की चेतावनी दी। सूचना मिलते ही शिक्षा विभाग और प्रशासन हरकत में आया तथा अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से वार्ता कर स्थिति को संभाला।
विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी, बच्चों की पढ़ाई प्रभावित
ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय में 251 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, लेकिन सिर्फ पांच शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं, लंबे समय से लेवल-2 के शिक्षक नहीं हैं और प्रधानाचार्य (प्रिंसिपल) का पद भी खाली पड़ा है। इस कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पिछले सत्र में भी यही स्थिति रही थी और बार-बार शिकायत के बावजूद अब तक कोई सुधार नहीं हुआ।
हाईवे किनारे नारेबाजी, जाम की तैयारी
गुरुवार सुबह दादावाड़ी के पास बड़ी संख्या में ग्रामीण और छात्राएं एकत्र हो गए। उन्होंने विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को लेकर नारेबाजी की और हाईवे जाम करने की तैयारी शुरू कर दी। मौके पर स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए भाद्राजून थाना पुलिस, आहोर तहसीलदार और शिक्षा विभाग के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे।
अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। प्रशासन की समझाइश के बाद ग्रामीणों ने जाम लगाने की योजना वापस ले ली और शांतिपूर्वक धरना समाप्त कर दिया।
तत्काल कार्रवाई का मिला आश्वासन
वार्ता के दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों की प्रमुख मांगों को स्वीकार करते हुए कहा कि विद्यालय में प्रिंसिपल पद पर शीघ्र नियुक्ति की जाएगी तथा लेवल-2 के दो नए शिक्षकों की पोस्टिंग भी तुरंत प्रभाव से की जाएगी। इसके बाद ग्रामीणों और छात्राओं ने राहत की सांस ली और ट्रैक्टरों में बैठकर विद्यालय लौट गए।
ग्रामीणों का आरोप: कई बार की शिकायत बेअसर
ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय की बदहाल स्थिति के बारे में उन्होंने कई बार शिक्षा विभाग और प्रशासन को अवगत कराया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। यहां तक कि 4 नवंबर को भी ग्रामीणों ने विद्यालय के बाहर धरना दिया था, लेकिन उस समय कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। ग्रामीणों ने कहा कि अब अगर वादे के बावजूद शिक्षकों की नियुक्ति में देरी की गई तो वे पुनः आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
ग्रामीणों और प्रतिनिधियों की बाइट्स
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सीबीआई रामप्रसाद इंडाला ने कहा कि “हमने कई बार अधिकारियों को बताया कि विद्यालय में शिक्षक नहीं हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अब अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो हम हाईवे जाम कर देंगे।”
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सरपंच वागाराम ने कहा कि “गांव के बच्चों का भविष्य दांव पर लगा है। प्रशासन ने अब आश्वासन दिया है, लेकिन अगर जल्द शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई, तो पूरा गांव फिर आंदोलन करेगा।”
प्रशासन ने जताई सतर्कता
मौके पर तैनात पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखी। शिक्षा विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया से संभावित जाम और तनावपूर्ण माहौल टल गया। फिलहाल, विभाग ने कहा है कि शिक्षकों की कमी को जल्द पूरा किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो।
