पाली में सड़कों पर गड्ढों से परेशान लोग, युवक ने गड्ढों में लगाए पौधे: टेंडर के बाद भी नहीं सुधर रहे हालात, जिम्मेदारों पर उठे सवाल

पाली में सड़कों पर गड्ढों से परेशान लोग, युवक ने गड्ढों में लगाए पौधे: टेंडर के बाद भी नहीं सुधर रहे हालात, जिम्मेदारों पर उठे सवाल


पाली शहर की सड़कों की बदहाल स्थिति अब जनता के सब्र से बाहर हो चुकी है। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढों से राहगीरों को न केवल परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि हादसों का खतरा भी लगातार बना हुआ है। शिकायतों और बजट आवंटन के बावजूद नगर निगम और शहरी सुधार न्यास (यूआईटी) की लापरवाही के चलते हालात जस के तस हैं।

इन्हीं हालातों से परेशान होकर एक स्थानीय युवक ने विरोध का अनूठा तरीका अपनाया। युवक ने सड़कों पर बने गड्ढों में पौधे रोपकर प्रशासन को आइना दिखाया।


🌿 युवक का अनोखा विरोध: “गड्ढों में पौधे लगाकर जगाना चाहता हूं जिम्मेदारों को”

इंदिरा कॉलोनी निवासी कमल वैष्णव ने बताया कि शहर की प्रमुख सड़कों — सूरजपोल चौराहा, राजा बलि सर्किल, नागा बाबा बगेची और रेलवे स्टेशन रोड — पर लंबे समय से गहरे गड्ढे बने हुए हैं। इन गड्ढों से दोपहिया वाहन चालक और राहगीर लगातार गिरकर घायल हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, “जब शिकायतों के बाद भी सुनवाई नहीं हुई, तो मैंने सोचा कि विरोध का ऐसा तरीका अपनाया जाए जो ध्यान खींचे। इसलिए गड्ढों में पौधे लगाकर यह संदेश देना चाहता हूं कि अब इन गड्ढों को भरना जरूरी है, वरना ये हादसे बुला रहे हैं।”

कमल ने बताया कि यह उनका शांतिपूर्ण विरोध है ताकि जिम्मेदार अधिकारियों की “नींद टूटे” और वे शहर की सड़कों की सुध लें।


🛣️ शहर की सड़कों की हालत: टेंडर के बावजूद अधूरा काम

शहर में सड़कों की मरम्मत को लेकर नगर निगम और यूआईटी दोनों ने टेंडर जारी किए थे, लेकिन धरातल पर काम अधूरा ही है।

नगर निगम के XEN केपी व्यास ने बताया कि दीपावली से पहले शहर के वार्डों में सड़कों की मरम्मत और पेचवर्क के लिए टेंडर किए गए थे। कुछ स्थानों पर काम हुआ है, लेकिन कई जगह काम अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां पौधे लगाए गए हैं, वे मुख्य सड़कें यूआईटी के अधीन आती हैं।


💰 एक करोड़ से ज्यादा के टेंडर, फिर भी सड़कें जर्जर

सितंबर माह में यूआईटी ने शहर की प्रमुख सड़कों के सुधार के लिए 60 लाख रुपए के टेंडर जारी किए थे, जबकि नगर निगम ने 49.99 लाख रुपए के पेचवर्क टेंडर किए थे।
दीपावली बीते 20 दिन से अधिक हो चुके हैं, लेकिन शहर की कई सड़कों पर अब भी गहरे गड्ढे नजर आ रहे हैं। इससे साफ झलकता है कि योजनाओं और खर्च के बावजूद कार्य की गति बेहद धीमी है।


🚗 शहरवासियों की बढ़ी परेशानी

शहर के लोगों का कहना है कि हर दिन इन सड़कों से गुजरना एक जोखिम भरा काम बन गया है। इंद्रा कॉलोनी, सूरजपोल, बांगड़ हॉस्पिटल रोड और सुभाष नगर जैसे क्षेत्रों में जगह-जगह गड्ढों से सड़कें बदहाल हैं। बारिश के बाद इन गड्ढों में पानी भर जाता है जिससे हादसे की आशंका और बढ़ जाती है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन केवल टेंडर जारी कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है, लेकिन काम की गुणवत्ता और निगरानी पर कोई ध्यान नहीं देता।


📢 जनता का सवाल: कब सुधरेंगे हालात?

कमल वैष्णव जैसे युवाओं का कहना है कि जब तक जिम्मेदार अधिकारी सड़कों की वास्तविक स्थिति नहीं देखेंगे, तब तक यह समस्या खत्म नहीं होगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द सुधार नहीं किया गया, तो नागरिक और भी रचनात्मक तरीके से विरोध करेंगे। 

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